हरियाणा

हरियाणा के किसानों के ऊपर से हटा अंग्रेजों के जमाने का कानून

British era law removed from farmers of Haryana

सत्य खबर,चंडीगढ़। हरियाणा में अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा एक कानून खत्म कर दिया गया है। नहरी पानी पर लिए जाने वाले आबियाना शुल्क पर 1 अप्रैल से पूरी तरह से रोक लग जाएगी। सबसे अच्छी बात यह है कि अब किसानों को आबियाना के नाम एक पैसा सरकार को नहीं देना होगा।

इससे 4299 गांव के किसानों को 140 करोड़ रुपए बकाए के भी नहीं देने होंगे। साथ ही 54 करोड़ रुपए की वार्षिक राहत भी किसानों को मिलेगी। वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुसार, हिसार में सबसे ज्यादा आबियाना बकाया है। इस जिले के 349 गांव के किसानों पर 31 करोड़ रुपए का आबियाना शुल्क बकाया है।

हिसार के अलावा सूबे के कैथल जिला आबियाना शुल्क बकाए में दूसरे नंबर पर है। यहां के 320 गांव के किसानों पर 20 करोड़ रुपए बकाया हैं। वहीं, भिवानी के 417 गांव के किसानों पर 17 करोड़ रुपए, सिरसा के 395 गांव के 12 करोड़, झज्जर के 157 गांव के 7 करोड़, चरखी दादरी के 229 गांव और नूंह के 171 गांव के 6-6 करोड़ रुपए का आबियाना शुल्क बकाया है। सीएम मनोहर लाल के बजट में फैसले के बाद अब इन गांव के किसानों को आबियाना नहीं देना होगा।

आबियाना की इस बकाया राशि के अंतर्गत लगभग 24 लाख हेक्टेयर भूमि आती है। इसमें रबी फसलों के तहत 12 लाख हेक्टेयर और खरीफ फसलों के तहत 12 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है। आबियाना खत्म होने से किसानों को सीधे तौर पर लगभग 140 करोड़ रुपए का लाभ होगा। हरियाणा प्रदेश में सिंचाई के लिए 16 हजार 932 आउटलेट निर्धारित हैं।

Back to top button